क्या कन्टेनमेन्ट जोन बनाने के लिए सभी जनपदो में है समान नियम
जब पूरे देश में लॉक डाउन लागू हुआ तब पूरे देश को तीन प्रकार के जोन में बांटा गया रेड, ओरेंज और ग्रीन जाहिर जहाँ कोरोना संक्रमित ज्यादा मिले वहां रेड जोन कममिलने पर ओरेंज और एक भीकेस नहीं होने पर ग्रीन जोन बने। बाद में बफर जोन और कन्टेनमेन्ट जोन और प्रचलन में आये बफर जोन तो रेड जोन के आसपास बनते हैं लेकिन कन्टेनमेन्ट जोन कुछ छोटे छोटे इलाके हैं जहाँ कोरोना पोजिटिव पाये गए या पाये जाने की संभावना है, पूरे उत्तराखंड प्रदेश में कोरोना संक्रमितो की कुल संख्या 3417 है और एक्टिव केस 628 हैं और 82 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं उनमें से 58 हरिद्वार जनपद में है अब देखिये कैसे हैं कन्टेनमेन्ट जोन
जनपद एक्टिव केस कन्टेनमेन्ट जोन
देहरादून 135 04
नैनीताल 184 02
ऊ सिं न 181 13
हरिद्वार 38 58
उत्तरकाशी 27 04
टिहरी 08 01
शेष कहीं कोई कन्टेनमेन्ट जोन नहीं है, अगर कुल संक्रमितो की बात करें तो देहरादून में 836, नैनीताल में 564, टिहरी में 429, ऊधम सिंह नगर 416 तो हरिद्वार में 347 केस पाये गये हैं , अर्थात कुल संक्रमितो की संख्या के हिसाब से हरिद्वार पांचवे स्थान पर है और एक्टिव केसों के अनुसार चौथे नंबर पर है लेकिन कन्टेनमेन्ट जोन न केवल सर्वाधिक हैं बल्कि सर्वाधिक कोरोना मरीजो वाले जनपद देहरादून से करीब 18 गुना है कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है इससे पहले हरिद्वार में जब मात्र 07 केस थे तब रेड जोन घोषित कर दिया था अन्य जनपदो में कहीं अधिक केस होने के बावजूद उन्हें ओरेंज जोन में रखा गया था मामला हाई कोर्ट तक पहुँच गया था फिर एकमुश्त सारे जनपदो को ओरेंज जोन में डाल दिया गया था ।